1. स्नातक कक्षाओं में प्रवेश के लिये प्रत्येक महाविद्यालय/संकाय में सम्बन्धित प्राचार्य/संकायाध्यक्ष प्रवेश समितियों का गठन करेंगे, जोकि अलग-अलग संकायों में प्रवेश से सम्बन्धित कार्यों का दायित्व पूर्ण करेंगे। तत्सम्बन्धित संकायों में प्रवेश के लिये उक्त समिति और प्राचार्य/संकायाध्यक्ष का निर्णय अन्तिम होगा। समितियों के विधिवत् गठन की सूचना प्राचार्य/संकायाध्यक्ष विश्वविद्यालय को भी प्रेषित करेंगे। प्रवेश समितियों द्वारा आवंटित विषयों में कोई परिवर्तन सम्भव नहीं होगा। प्रवेश का दायित्व प्राचार्य/संकायाध्यक्ष का होगा।
2.(a) स्नातक स्तर (बी.एस.सी.) में छात्र उसी संवर्ग (विषय समूह) में प्रवेश ले सकेंगे जिसका अध्ययन उन्होंने अर्हकारी परीक्षा में किया हो। उस प्रतिबन्ध का आशय यह है कि जिन छात्र-छात्राओं ने 10$2 स्तर पर गणित संवर्ग (भौतिक, रसायन एवं गणित) विषयों का अध्ययन किया हो वह गणित संवर्ग तथा जिन छात्र-छात्राओं ने जीव विज्ञान संवर्ग (रसायन, वनस्पति एवं जन्तु विज्ञान) का अध्ययन किया हो वह जीव विज्ञान संवर्ग में ही प्रवेश के लिए आवेदन कर सकते हैं।
(b).स्नातकोत्तर स्तर पर केवल उन्हीं छात्र-छात्राओं को प्रवेश दिया जायेगा जिन्होंने स्नातक स्तर पर संबंधित विषय का अध्ययन किया हो, परन्तु ऐसे विशिष्ट पाठ्यक्रमों (जैसे माइक्रोबॉयोलॉजी, बॉयोटेक एवं कम्प्यूटर विज्ञान) में जिनमें मूल विषय का शिक्षण स्नातक स्तर पर नहीं होता है वे छात्र-छात्राऐं आवेदन कर सकेंगे जिन्होंने निम्मानुसार उल्लिखित विषयों का अध्ययन किया हो-
(i) कम्प्यूटर विज्ञान में प्रवेश हेतु स्नातक स्तर पर गणित संवर्ग (भौतिक, रसायन/कम्प्यूटर एवं गणित) में अध्ययन आवश्यक हैं।
(ii) माइक्रोबॉयोलॉजी एवं बॉयोटेक में प्रवेश हेतु स्नातक स्तर पर जीव विज्ञान संवर्ग ( रसायन, वनस्पति एवं जन्तु विज्ञान) में अध्ययन आवश्यक है।
3. स्नातक स्तर पर प्रवेश के लिये इंटरमीडिएट या समकक्षीय परीक्षा में 45 प्रतिशत अंक आवश्यक हैं। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थिंयों के लिये प्रवेश अर्हता में 5 प्रतिशत अंकों की छूट होगी।
4. आवेदक स्वयं आवेदन पत्र जमा करें तथा कार्यालय से प्राप्ति रसीद अवश्य प्राप्त करें।
5. चरित्र प्रमाण-पत्र संस्थागत परीक्षार्थी पूर्व संस्था के प्रधानाचार्य का तथा व्यक्तिगत परीक्षार्थीं किसी राजपत्रित अधिकारी,
लोकसभा/विधानसभा/विधान परिषद् के सदस्य अथवा किसी महाविद्यालय के प्राचार्य/नियन्ता की मूल प्रति संलग्न करें।
6. अनुसूचित जाति/जनजाति/अन्य पिछड़े वर्ग के प्रवेशार्थिंयों को आरक्षण इस प्रकार है अनुसूचित जाति 15%, अनुसूचित जनजाति 7.5 %, तथा अन्य पिछड़े वर्ग 27 % इसके अतिरिक्त उपरोक्त में प्रत्येक श्रेणी में क्षैतिज आरक्षण इस प्रकार है- महिलाएं 30% भूतपूर्व सैनिक या उन पर आश्रित 5% दिव्यांग 3% तथा स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी आश्रित 2% अन्य पिछड़े वर्ग के प्रवेशार्थियों को अपने माता-पिता का पूर्व वित्तीय वर्ष का गैर क्रीमी लेयर प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य है।
7. प्रवेशार्थी को महाविद्यालय के सूचना पट पर प्रवेश सम्बन्धी सूचनायें देखते रहना चाहिये।
8. प्रवेश के पूर्व ही स्थानान्तरण प्रमाण-पत्र (ट्रांसफर सर्टिफिकेट) जमा करना आवश्यक है। किसी अन्य विश्वविद्यालय के छात्र को एक माह के अन्दर प्रवजन प्रमाण-पत्र (माइग्रेशन) जमा करा देना चाहिये। अन्यथा अस्थाई प्रवेश निरस्त कर दिया जायेगा।
9. अनुत्तीर्ण होने वाले विद्यार्थिंयों को किसी भी कक्षा एवं संकाय में प्रवेश नहीं दिया जायेगा। इस विश्वविद्यालय से अनुत्तीर्ण छात्र भूतपूर्व/व्यक्तिगत छात्र के रूप में परीक्षा में शामिल हो सकते हैं। स्नातक स्तर पर प्रथम वर्ष के छात्र को अनुत्तीर्ण होने अथवा चिकित्सा के आधार पर व अन्य वैध कारण के केवल एक बार संकाय बदल कर प्रवेश दिया जा सकता है। प्रवेश लेने से पूर्व प्रत्येक छात्र को स्थानान्तरण प्रमाण-पत्र/प्रवजन प्रमाण-पत्र एवं चरित्र-प्रमाण पत्र की मूल प्रति प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।
10. छात्र/छात्राओं को स्नातक स्तर पर सात वर्ष तथा स्नातकोत्तर स्तर पर चार वर्ष की अवधि तक के लिये ही संस्थागत विद्यार्थी के रूप में अध्ययन करने की सुविधा रहेगी, जिसमें एक वर्ष के गैप भी सम्मिलित रहेगा। (यह नियम व्यावसायिक पाठ्यक्रमों पर लागू नहीं होगा)। केवल वे ही छात्र भूतपूर्व छात्र का लाभ ले सकेंगे जिन्होंने पूरे सत्र का अध्ययन किया हो अथवा विश्वविद्यालय द्वारा प्रवेश पत्र/अनुक्रमांक दिया गया हो और वह चिकित्सा के आधार पर आवेदन करता हो। ड्रापर विद्यार्थीं को अनुत्तीर्ण माना जायेगा। ड्रापर को संस्थागत छात्र के रूप में पुनः प्रवेश नहीं दिया जायेगा। ड्रापर की परिभाषा, किसी छात्र ने यदि प्रवेश आवेदन पत्र भरने के पश्चात प्रवेश ले लिया हो, होगी।
11. जिन छात्रों की गतिविधियां अनुशासन मण्डल/प्रशासन की राय में अवांछनीय है उन्हें प्रवेश लेने से रोका जा सकता है/निकाला जा सकता है/प्रवेश निरस्त किया जा सकता है।
12. संकाय अथवा विषय बदलकर उसी कक्षा में प्रवेश नहीं दिया जायेगा जिसकी परीक्षा विद्यार्थीं एक बार उत्तीर्ण कर चुका हो अर्थात एक संकाय की परीक्षा उत्तीर्ण करने के पश्चात उसी कक्षा/दूसरे संकाय में प्रवेश नहीं ले सकेगा। यह नियम व्यावसायिक पाठ्यक्रमों पर लागू नहीं होगा अर्थात् एक बार स्नातक/स्नातकोत्तर परीक्षा उत्तीर्ण करने के पश्चात पुनः स्नातक/स्नातकोत्तरण कक्षा में प्रवेश नहीं दिया जा सकेगा, उदाहरणार्थ यदि किसी छात्र ने एम0ए0 अर्थशास्त्र उत्तीर्ण कर लिया हो तो उसे कला संकाय के अन्य किसी विषय में प्रवेश नहीं दिया जायेगा और न ही वह किसी अन्य संकाय की समकक्ष कक्षा में प्रवेश ले सकता है।
13. अनुचित साधन के अन्तर्गत दण्डित छात्रों को प्रवेश नहीं दिया जायेगा।
14. पंजीकरण की अन्तिम तिथि के पश्चात जमा किया गया आवेदन पत्र स्वतः निरस्त समझा जायेगा।
15. जिन प्रवेशार्थिंयों को प्रवेश समिति/संकायाध्यक्ष/प्राचार्य प्रवेश प्रदान करेंगे उनकी सूचना समय-समय पर सम्बन्धित विषयों के विभागाध्यक्षों को दी जायेगी। इन्हीं सूचीयों के आधार पर विभिन्न विभागों की छात्र उपस्थिति पंजिकाओं में छात्र/छात्राओं के नाम पंजीकृत किये जायेंगे। अलग से विषय स्लिप छात्र/छात्रा को नहीं दी जायेगी। प्रवेशार्थीं सूचनापट पर प्रकाशित सूचियों के आधार पर निर्धारित तिथि के अन्दर अनिवार्य रूप से सभी शुल्क सम्बन्धित काउन्टरों पर जमा करेंगे। शुल्क लिपिक शुल्क रसीद में भी आवंटित विषयों को अंकित करेंगे।
16. छात्र/छात्रा के परिचय पत्र में भी आवंटित विषयों का उल्लेख किया जायेगा।
17. अर्हता परीक्षा (क्वालिफाइंग एग्जामिनेशन) उत्तीर्ण करने के उपरान्त अधिकतम तीन वर्ष के अन्तराल (गेप) पर ही प्रवेश दिया जायेगा अन्यथा की स्थिति में प्रवेश नहीं दिया जायेगा। यह नियम व्यावसायिक पाठ्यक्रमों पर लागू नहीं होगा।
18. संस्थागत छात्र उपाधि हेतु एक ही सत्र में अन्य किसी शिक्षा संस्थान में प्रवेश नहीं लेगा और न ही अन्य उपाधि हेतु परीक्षा में शामिल होगा। यदि कोई छात्र/छात्रा इस नियम का उल्लंघन कर परीक्षा में शामिल हो जाता है तो विश्वविद्यालय द्वारा उसकी परीक्षा निरस्त की जायेगी।
19. छात्र द्वारा जमा की गयी प्रतिभूति धनराशि (सिक्योरिटी) उसके उत्तीर्ण होने के एक वर्ष तक ही सुरक्षित रखी जायेगी। तदोपरान्त वह निरस्त समझी जायेगी। बी.एस-सी. के छात्र/छात्रा सिक्योरिटी फार्म 1 अक्टूबर से 30 जनवरी तक तथा एम.एस.सी. के छात्र/छात्रा सिक्योरिटी फार्म साल में दो बार 1 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तथा 1 फरवरी से 28 फरवरी तक कार्यालय से प्राप्त कर जमा करवा सकते हैं।
20. उत्तराखण्ड प्रदेश के अभ्यर्थिंयों के अतिरिक्त अन्य प्रदेशांें के अभ्यर्थिंयों को प्रवेष पूर्व अपना पुलिस वेरिफिकेशन प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा।
21. प्रवेश के समय अभिभावक तथा छात्र/छात्रा की ओर से रेगिंग विरोधी एफिडेविट देना अनिवार्य है जिसका प्रारूप आवेदन पत्र के साथ संलग्न है।
नोट: प्रवेश सम्बन्धी प्रक्रिया में यदि विश्वविद्यालय अथवा राज्य सरकार द्वारा कोई परिवर्तन होता है तो वह सूचना पट पर लगा दिया जायेगा।
प्रवेश सम्बन्धी आवश्यक सूचना
1. प्रतीक्षा सूची के प्रवेश के उपरान्त यदि कोई सीट शेष रह जाती है तो उसमें प्रवेश हेतु नया पंजीकरण अनिवार्य
होगा। योग्यता सूची पुनः प्रकाशित की जायेगी।
2. पूर्व में पंजीकृत अभ्यर्थी जो किन्हीं कारणों से प्रवेश से वंचित रह गये हों यदि वे प्रवेश के इच्छुक हों तो पुनः
पंजीकरण करा सकते हैं।
3. प्रवेश प्रक्रिया में प्रत्येक अभ्यर्थी के प्रथम चरण में आवश्यक प्रमाण पत्रों का सत्यापन कर फीस की रसीद दी जायेगी। फीस जमा करने के पश्चात् उसी दिन अथवा अगले दिन 12 बजे तक फीस की कॉलेज प्रतिलिपि सत्यापन करने के उपरान्त प्रवेश दिया जायेगा।